आचार्य स्वामीश्री ने अपने गुरु श्री मुक्तजीवन स्वामीबापा की याद में श्री मुक्तजीवन स्वामीबापा स्मृति मंदिर का निर्माण कराया।
स्वामीबापा ने 72 वर्षों तक इस धरती पर दर्शन दिए। स्मृति मंदिर की ऊंचाई 72 फुट है, इसमें 72 स्तंभ हैं और इसमें 72 सीढ़ियां हैं।
स्मृति मंदिर के प्रांगण में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम एक छतरी में जीवनप्राण स्वामीबापा के दिव्य चरणविंद के दर्शन होते हैं।
मंदिर का उद्घाटन 1991 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकरदयाल शर्मा ने किया था।
भूतल में प्रवेश करने पर आप स्वामीबापा तप मूर्ति देख सकते हैं। इस मूर्ति के दर्शन करने पर आपके सारे विचार गायब हो जाते हैं और आप इस शांतिपूर्ण मूर्ति की सुंदरता में डूब जाते हैं।
मंदिर के हर तल पर सत्संग के इतिहास को चित्रमय चित्रों के माध्यम से देखा जा सकता है।
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