हल्दीघाटी में समर लड्यो.....

Bottom Article Ad

हल्दीघाटी में समर लड्यो.....

हल्दीघाटी में समर लड्यो ,वो चेतक रो असवार कठे।
मायड़ थारो वो पूत कठे।वो एकलिंग दीवान कठे।वो महाराणा प्रताप कठे।
में बाच्यो है इतिहास में ,मायड़ थे ऐड़ा पूत जनिया।थन पान लजायो नहीं थारो।रन वीरा में सरदार बणिया।
पेरिया रा मन सु पाथी ला।सारा पड़ गया उन रे आगे।वो झुक्यो नहीं नर नारियो।अकबर री सेना रे आगे।
हिंदवा सूरज मेवाड़ रतन।वो महाराणा प्रताप कठे।मायड़ थारो वो पूत कठे।वो एकलिंग दीवान कठे।वो महाराणा प्रताप कठे।
हल्दी घाटी रे टीला सु।शिव पार्वती युद्ध देख रिया।
मेवाड़ी वीरा री ताकत।अपनी नजरो से तोल रया।
बोलिया शिव सुण पार्वती।
मेवाड़ भोम री बलिहारी।
जो हाचा करम करे जग में।
अठे जनम ले नर नारी।
वो स्वयं एकलिंग रूप धरी।पर सासो बैठो बला कटे ।मायड़ थारो। ……
आज देश री सीमा पर।संकट रा बादल मंडराया।पाकिस्तानी गुस्पेठिया।
भारत सीमा में घुस आया।भारत रा वीर जवाना थे।
याने सबक सीखा दीज्यो।थे हो प्रताप रा ही वंसज।वाने या बात बता दीज्यो।
यो कश्मीर भारत को है।कुन आँखे दिखावे आज अठे।
मायड़ थारो। ……
हल्दीघाटी में समर लड्यो ,वो चेतक रो असवार कठे।
मायड़ थारो वो पूत कठे।वो एकलिंग दीवान कठे।
वो महाराणा प्रताप कठे।


Post a Comment

0 Comments