काम के साथ घुमक्कड़ी का मज़ा Part 1

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काम के साथ घुमक्कड़ी का मज़ा Part 1

"काम के साथ घुमक्कड़ी का मज़ा"

बात है 9 जून की हम तीन लोग सुबह 6 बजे उदयपुर के लिए रवाना हुए, और के10 बजे के करीब वहा उदयपुर पुलिस क्वार्टर में पहुंचे वहा पर हमारे कुछ क्लाइंट थे उनके चेक अप और कुछ जानकारी देनी वो देकर हम 2 बजे के करीब बिल्कुल फ्री हो गए हमे उदयपुर से वापिस अहमदाबाद रात में निकलना था। 


तब हमने महाराणा प्रताप म्यूजियम जाने का निश्चय किया और निकल पड़े अपनी गाड़ी से हम तीनो ये उदयपुर शहर से 40 किलोमीटर के आस पास पड़ता हैं और गावों से होकर निकलता रास्ता और कभी पहाड़ तो कभी ढलान वाला रास्ते से हम वहा पहुंच गए , बहुत ही सुन्दर तरीके से बनाया गया है इंट्री करने के साथ ही चेतक की बडी प्रतिमा देखने को मिलती हैं या का टिकट 100₹ है,

 अंदर एक मूवी थेटर भी बनाया हुआ जिसमे राणा प्रताप की गौरव गाथा को वीडियो के जरिए पेश किया जाता है जो इतिहास की बहुत जानकारियों को समेटे होता है जो करीब आधे घंटे का होता है इसके बाद थोड़ा अंदर की तरफ बढ़िया आकाशवाणी के साथ उनके जीवन के महत्वपूर्ण योगदान को जीवंत उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता हैं, एक बात से मुझे बड़ा अजीब लगा की कुछ युवा साथियों का एक ग्रुप उस मिनी मूवी थेटर में आया और इतिहास की जानकारी स्टार्ट हुई और वो सब आधा ही छोड़ कर निकल गए जी दुर्भाग्य पूर्ण हैं यूवा राणा प्रताप की बाते तो करते हैं लेकिन उनके इतिहास को देखने या जानने में रुचि नही रखते।


जारी ...... अगले भाग में आपको कुंभलगढ़ दुर्ग ले जायेंगे। 
तब तक राम राम नमस्कार 🙏🙏🙏





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