सत्संग के नाम पर अश्लीलता का प्रचार..😟😐

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सत्संग के नाम पर अश्लीलता का प्रचार..😟😐

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सतसंग याने सत्य की संगत --भजन संध्या मे भक्ति होनी चाहिए न की टाईमपास,, आजकल भजन संध्याओ के नाम पर कुछ डांसर कलाकारो को बुलाकर  लोगो का मन भक्ती मे न लगकर कही ओर भटकता रहता है!  सिर्फ भजन संध्या मंनोरजन का साधन बनता जा रहा है ये समाज के लिए घातक है,,, भक्ती वो शक्ति है जो आत्मा को परमात्मा से मिला दे,, वो भजन संध्या भी क्या जीसमे इश्वर की याद मे नेत्र सजल न हो,, नेत्रो से आसु न चलके तो वो भजन ही भजन क्या,,, भजन संध्या के नाम पर ये पाखंड बंद होना चाहिए!🙏 पोस्ट पूरी पढ़े 🙏
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अब "भक्ति संध्या" में इस इशारो का क्या मतलब हैं
मेरा सभी समाजो के महानुभावों से निवेदन है कि आप हर छोटे-बड़े भजनी कलाकारों को कार्यक्रम में बुलाकर एक अच्छा सफल कार्यक्रम बनाये
परन्तु कृपया करके इन जैसे कलाकारों से बचे ।
भजन संध्या भगवान का स्मरण करने के लिए और लोगो को भक्ति से जोडने के लिए होनी चाहिए ना कि भजन का मजाक उडाने के लिए।
File Photo:- अश्लीलता फैलाती डांसर

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8 Comments

  1. आपकी पोस्ट ने दिल को छू लिया

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  2. आप की बात सही है ये सब बंद होना साहिये

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  3. इस कलाकार के इन अश्लील इशारो किया मतलब निकाला जाए? भजन संध्या भगवान का स्मरण करने के लिए और लोगो को भक्ति से जोडने के लिए होनी चाहिए न कि अपनी संस्कृति और भगवान के प्रति आस्थाओ को ठेस पहुंचाने के लिए!मेरा निवेदन रहेगा सभी समाजबंधुओं से की ऐसे कलाकारों को भजन संध्या में न बुलाया जाए!

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  4. Bil kul shai inka sab log virod karo

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  5. Bilkul sahi bola aap ne ye sab hamare sanscarti kharab kar rahe he or in Ko vo purane bhajn bhi kaha aate he ab to bhjna dekho kese kese he nach Mari janudi baba Ra Bhandara me। Ye bhjan he Kaya 😠

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  6. Ese logo ki vajah se sanskriti karab hoti he

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  7. Paise ke liye ye log apni ijjat tkk bech sakte h enko bhakti bhav se kuch nhi lena dena h

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  8. सतसंग याने सत्य की संगत --भजन संध्या मे भक्ति होनी चाहिए न की टाईमपास,, आजकल भजन संध्याओ के नाम पर कुछ डांसर कलाकारो को बुलाकर लोगो का मन भक्ती मे न लगकर कही ओर भटकता रहता है! सिर्फ भजन संध्या मंनोरजन का साधन बनता जा रहा है ये समाज के लिए घातक है,,, भक्ती वो शक्ति है जो आत्मा को परमात्मा से मिला दे,, वो भजन संध्या भी क्या जीसमे इश्वर की याद मे नेत्र सजल न हो,, नेत्रो से आसु न चलके तो वो भजन ही भजन क्या,,, भजन संध्या के नाम पर ये पाखंड बंद होना चाहिए!

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