मन मस्त फकीरी धारी है....

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मन मस्त फकीरी धारी है....

मन मस्त फकीरी धारी है

अब एक ही धुन जय जय भारत

हम धन्य है इस जग जननी की ,सेवा का अवसर है पाया ।

इसकी माटी ,वायु जल से ,दुर्लभ जीवन है विकसाया

यह पुष्प उसी के चरणों मैं,मां प्राणों से भी प्यारी है…..

सुंदर सपने, नव आकर्षण ,सब तोङ चले मुख मोङ चले

वैभव महलों का क्या करना..सोते सुख से आकाश तले

साधन की ओर न ताकेंगे….कांटों की राह हमारी है…..

सत्ता की रंगत अद्भुत है,पद से अनेक चिपका करते

जब बहे राज रस की धारा,अच्छे अच्छे फिसला करते

राजा आदर्श हो जनसेवक,तीखी तलवार दुधारी है….

इस समय चुनौती है भीषण ,अरे देश द्रोही सीना ताने

पथभ्रष्ट नीतियां चलती है…आतंकी घूमे मनमाने

जन जन मैं स्वत्व जगायेंगे…भारत की शक्ति अपारी है…

ऋषियों मुनियों,संतों का तप अनमोल हमारी थाती है..

बलिदानी वीरों की गाथा अपनें रग रग लहराती है

गौरवमय नव इतिहास रचें…अब अपनी ही तो बारी है….

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