आज आपसे 2 मिनट का समय चाहता हूं जरूर दिजीये गा🙏⬇️⬇️
जिस प्रकार एक पुरुष का शरीर उसकी पत्नी के लिए होता है ठीक उसी प्रकार एक स्त्री का योवन सिर्फ़ उसके पति के लिए होता है।
और इसका उदाहरण भी समय-समय पर हमारी वीर क्षत्राणियों व पराक्रमी क्षत्रिय पुरूषों ने पेश किया है फिर वो चाहे माता पद्मनी का जौहर हो या हाड़ी रानी का त्याग हो,
लेकिन देखा जा रहा है कि कुछ कुलहीन महिलाओं व चांडाल परवर्ती के पुरूष द्वारा हमारी इस सांस्कृतिक जीवन धरोहर पर कुठाराघात करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं और दुख तो तब होता है जब हमारी कुछ क्षत्राणियां इन दुष्टो की कुचाल का शिकार हो जाती हैं।
याद रहे स्त्री वहीं है जो अपने बदन को दिखाने के बजाए मर्यादित वस्त्रों को पहन अपने कुल की गरिमा को बनाए रखें, अन्यथा अंग प्रदर्शन तो कुत्ते बिल्लियाँ भी कर लेते हैं।
याद रखें कि हम इंसान हैं जानवर नहीं। हिन्दू लड़कियाँ /महिलायें जितना अधिक शरीर दिखाना चाह रही, मुस्लिम महिलायें उतना ही अधिक पहनावे के प्रति कठोर होते जा रही।
पहले पुरुष साधारण या कम कपड़े पहनते थे, और नारी सौम्यता पूर्वक अधिक कपड़े पहनती थी, पर अब टीवी सीरियलों, फिल्मों की चपेट में आकर हिन्दू नारी के आधे कपड़े स्वयं को Modern बनने में उतर चुके हैं।
यूरोप द्वारा प्रचारित नंगेपन के षडयंत्र की सबसे आसान शिकार, भारत की मॉडर्न हिन्दू महिलाए है, जो फैशन के नाम पर खुद को नंगा करने के प्रति वेहद गंभीर है, पर उन्हें यह ज्ञात नहीं कि वो जिसकी नकल कर इस रास्ते पर चल पड़ी है, उनको इस नंगापन के लिए विज्ञापनों में करोड़ो डॉलर मिलते है। उन्हें कपड़े ना पहनने के पैसे मिलते हैं।
पहनावे में यह बदलाव ना पारसी महिलाओं में आया ना मुस्लिम महिलाओं में आया, यह बदलाव सिर्फ और सिर्फ हिंदू महिलाओं में ही क्यों आया है ? जरा इस पर विचार कीजियेगा।
यह पोस्ट केवल हमारी बहु, बेटियों, माताओं, बहनों को यूरोप द्वारा प्रचारित नंगेपन के षडयंत्र का शिकार बननें से रोकने के लिए है, यदि इस पोस्ट को आप अपनें बहनों, बेटियों से शेयर करें तो हो सकता है, हमारा आनें वाला समाज प्रगति की ओर तत्पर हो,
नोट - अगर कम कपड़े पहनना ही मॉडर्न होना है
तो जानवर इसमें आप से बहुत आगे हैं- स्वामी विवेकानन्द जी🙏😊
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