अपवाद रूपी मुठ्ठी भर लोगों को छोड़ दिया जाए तो हर किसी के अंदर कोई ना कोई काबिलियत होती है जिसको देखकर हम कहते हैं कमाल के हो यार, गजब हो, मैटीरियल हो, माइंड ब्लोइंग।
मेरे आस पास बहुत लोग हैं जो एक से बढ़कर एक हैं। लेकिन मुझे उनके हर राज नहीं पता तो मैं उनके बारे में कुछ बता नहीं सकता।
मेरी जिंदगी एक खुली किताब की तरह रही है जिसमें उतार चढ़ाव के अलावा कुछ नहीं है। मेरा मानना भी यही की जिंदगी में उतार चढ़ाव भरपूर मात्रा में होने चाहिए ताकि इंसान को अपनी काबिलियत को साबित करने का मौका मिलता रहे।
ईसीजी मशीन में जब तक जीवन रेखा में उतार चढ़ाव रहता है तब तक ही सांस चलती है। जैसे ही लाइनें सपाट या समतल हुई इंसान का खेल खत्म।
मैं अपने बारे में पहले बहुत बार लिख चुका हूं तो अब बार बार लिखने का मन नहीं करता। बहुत दोस्त पीठ पीछे कहते भी हैं कि ये पता नहीं क्या क्या लिखता रहता है। इसका कोई दिमागी तार हिल गया है क्या। मेरा उनको एक ही जवाब होता है कि जो मैंने जिया है और झेला है उसको सामने रखने में क्या हर्ज है। बहुत बार संघर्ष को देखकर अन्य को भी प्रेरणा मिलती है काम करने की इसलिए मैं टोकने वालों की बातों को भुलाकर आगे बढ़ता रहता हूं।।
©® VikramSingh Valera
मेरे आस पास बहुत लोग हैं जो एक से बढ़कर एक हैं। लेकिन मुझे उनके हर राज नहीं पता तो मैं उनके बारे में कुछ बता नहीं सकता।
मेरी जिंदगी एक खुली किताब की तरह रही है जिसमें उतार चढ़ाव के अलावा कुछ नहीं है। मेरा मानना भी यही की जिंदगी में उतार चढ़ाव भरपूर मात्रा में होने चाहिए ताकि इंसान को अपनी काबिलियत को साबित करने का मौका मिलता रहे।
ईसीजी मशीन में जब तक जीवन रेखा में उतार चढ़ाव रहता है तब तक ही सांस चलती है। जैसे ही लाइनें सपाट या समतल हुई इंसान का खेल खत्म।
मैं अपने बारे में पहले बहुत बार लिख चुका हूं तो अब बार बार लिखने का मन नहीं करता। बहुत दोस्त पीठ पीछे कहते भी हैं कि ये पता नहीं क्या क्या लिखता रहता है। इसका कोई दिमागी तार हिल गया है क्या। मेरा उनको एक ही जवाब होता है कि जो मैंने जिया है और झेला है उसको सामने रखने में क्या हर्ज है। बहुत बार संघर्ष को देखकर अन्य को भी प्रेरणा मिलती है काम करने की इसलिए मैं टोकने वालों की बातों को भुलाकर आगे बढ़ता रहता हूं।।
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