राजस्थान के तमाम कलाकारों के लाइव इंटरव्यू बताए जा रहे हैं..
सभी कलाकार अपने मन की बातें
संगीत प्रेमी दर्शकों को बता रहे हैं.....
जीवन दर्पण यानि अपने जीवन से जुड़े हुए हर पहलू को दर्शकों के बीच में रखना..
और इंटरव्यू का मतलब होता है कि अपने जीवन का हर क्षण लोगों के बीच में रखा जाए जिससे लोगों को उस कलाकार के बारे में पता चले कि उन्होंने यह किया किस किस से मुसीबतों से ऐसा मुकाम हासिल किया।।।
और राजस्थान के हर कलाकार हमेशा मंच पर एक बात जरुर कहते हैं कि हर कलाकार हर आर्टिस्ट या संगीत से जुड़े हुए जितने भी सदस्य हैं लोग हैं उन सबको मिल जुल कर रहना चाहिए।।।
हम तो कलाकार है मोहब्बत ,प्यार की बात करते हैं।।।।
यह किस प्रकार का प्यार किस प्रकार की मोहब्बत
मुंह पर मीठे
फिर किसी कलाकार की निंदा करें
यह सही नहीं है???
आज मैंने
किसी कलाकार का इंटरव्यू देखा,
उसमें उन्होंने कहा कि 5 भजन गाने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बनता।।।
जनता जानती है राष्ट्रवादी शब्द किस कलाकार के लिए लगाया जाता है और क्यों लगाया जाता है???
सब कलाकारों के नाम के आगे अपनी अपनी खुद की पहचान है।
किसी को राष्ट्रवादी नाम से जाना जाता है
किसी को हिंदुत्व शेरनी के नाम से जाना जाता है।
किसी को देसी भजन गायक के रुप में जाना जाता है
किसी को लोकगीत की आवाज के रूप में जाना जाता है।।
किसी को मरुधरा सम्राट के नाम से जाना जाता है।।
महाराणा प्रताप
अमर चुनरी
और ऐसे कई प्रसिद्ध भजन
भी आप लोगों ने गाए हैं।
और कलाकार खुद अपने नाम के आगे राष्ट्रवादी या किसी भी प्रकार की उपाधि नहीं लगाता।।
गुजरात सूरत शहर में
50000 से भी अधिक लोगों
एवं उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री
श्री नरेंद्र भाई मोदी( प्रधानमंत्री)
के समक्ष
देशभक्ति गीतो या रचनाओं का वर्णन करना मेरे हिसाब से राष्ट्रवादी है।।।
जोधपुर महाराजा गज सिंहजी
के द्वारा नवाजा गया
वीर दुर्गादास राठौड़
राष्ट्रवादी रचनाओं के लिए दिया गया था।।।।
आप सभी मित्रों को पता है
राजस्थान में पिछले 7 वर्षों से
एक ही राष्ट्रवादी रचना बहुत प्रसिद्ध हुई है
वह आज भी चल रही है और सभी कलाकार गा रहे हर मंच पर
आज जिस कलाकार ने निंदा की है उन्होंने भी बहुत बार गाया है।
उस रचना का नाम है
मायड़ थारो पूत कठे ,
वो महाराणा प्रताप कठे।।
कलाकार की पहचान उनके गाए हुए रचनाओं से होती है।।
किसी के कहने या बोलने से नहीं होती।।
हर व्यक्ति के दिल में अपने देश अपने राष्ट्र अपने धर्म के लिए कुछ करने का जज्बा होता है
और यह हमारा धर्म भी है।।
देश भक्ति रचना और देश के प्रति भाव के कारण ही
इनके नाम के आगे राजस्थान की समस्त जनता जनार्दन ने राष्ट्रवादी शब्द का उपयोग किया है।।।
किसी को प्रसिद्ध शब्द की नवाजी देना एक या दो इंसान के कहने से कुछ नहीं होता
संपूर्ण राजस्थान की जनता का प्यार है इसी कारण राष्ट्रवादी शब्द दर्शकों द्वारा लगाया गया है
महाराणा प्रताप
पन्ना धाय
गौ माता की पुकार
वही प्रेरणा पुंज हमारे स्वामी पूज्य विवेकानंद
जैसी अनगणित राष्ट्रवादी रचनाओं से संपूर्ण राजस्थान और भारतवर्ष में अपना नाम राष्ट्रवादी कलाकार या राष्ट्रवादी गायक के रुप में जाना जाता है।।।
राजस्थान ही नहीं बल्कि राजस्थान के बाहर भी हर मंच पर राष्ट्रवादी रचनाओं से
युवा शक्ति को अपने देश और गौ माता के प्रति जागरुक किया।।।
यह मेरे मन के भाव इस कलाकार के लिए है जिनके आगे राष्ट्रवादी सब लगता है।।।
किसी कलाकार की बुराई कर के आगे नहीं बढ़ा जाता आप सभी कलाकार बंधुओं से भी निवेदन है कि किसी कलाकार का कटाक्ष नहीं करें।।।
समस्त राजस्थानी कलाकार आपस में मिल जुल कर अपनी मायड़ भाषा ,मातृभूमि और राजस्थान की धरती का बखान संपूर्ण हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से बाहर भी
अपनी रचनाओं द्वारा करें।।।
धन्यवाद ।।।
जय हिंद
वंदे मातरम
सभी कलाकार अपने मन की बातें
संगीत प्रेमी दर्शकों को बता रहे हैं.....
जीवन दर्पण यानि अपने जीवन से जुड़े हुए हर पहलू को दर्शकों के बीच में रखना..
और इंटरव्यू का मतलब होता है कि अपने जीवन का हर क्षण लोगों के बीच में रखा जाए जिससे लोगों को उस कलाकार के बारे में पता चले कि उन्होंने यह किया किस किस से मुसीबतों से ऐसा मुकाम हासिल किया।।।
और राजस्थान के हर कलाकार हमेशा मंच पर एक बात जरुर कहते हैं कि हर कलाकार हर आर्टिस्ट या संगीत से जुड़े हुए जितने भी सदस्य हैं लोग हैं उन सबको मिल जुल कर रहना चाहिए।।।
हम तो कलाकार है मोहब्बत ,प्यार की बात करते हैं।।।।
यह किस प्रकार का प्यार किस प्रकार की मोहब्बत
मुंह पर मीठे
फिर किसी कलाकार की निंदा करें
यह सही नहीं है???
आज मैंने
किसी कलाकार का इंटरव्यू देखा,
उसमें उन्होंने कहा कि 5 भजन गाने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बनता।।।
जनता जानती है राष्ट्रवादी शब्द किस कलाकार के लिए लगाया जाता है और क्यों लगाया जाता है???
सब कलाकारों के नाम के आगे अपनी अपनी खुद की पहचान है।
किसी को राष्ट्रवादी नाम से जाना जाता है
किसी को हिंदुत्व शेरनी के नाम से जाना जाता है।
किसी को देसी भजन गायक के रुप में जाना जाता है
किसी को लोकगीत की आवाज के रूप में जाना जाता है।।
किसी को मरुधरा सम्राट के नाम से जाना जाता है।।
महाराणा प्रताप
अमर चुनरी
और ऐसे कई प्रसिद्ध भजन
भी आप लोगों ने गाए हैं।
और कलाकार खुद अपने नाम के आगे राष्ट्रवादी या किसी भी प्रकार की उपाधि नहीं लगाता।।
गुजरात सूरत शहर में
50000 से भी अधिक लोगों
एवं उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री
श्री नरेंद्र भाई मोदी( प्रधानमंत्री)
के समक्ष
देशभक्ति गीतो या रचनाओं का वर्णन करना मेरे हिसाब से राष्ट्रवादी है।।।
जोधपुर महाराजा गज सिंहजी
के द्वारा नवाजा गया
वीर दुर्गादास राठौड़
राष्ट्रवादी रचनाओं के लिए दिया गया था।।।।
आप सभी मित्रों को पता है
राजस्थान में पिछले 7 वर्षों से
एक ही राष्ट्रवादी रचना बहुत प्रसिद्ध हुई है
वह आज भी चल रही है और सभी कलाकार गा रहे हर मंच पर
आज जिस कलाकार ने निंदा की है उन्होंने भी बहुत बार गाया है।
उस रचना का नाम है
मायड़ थारो पूत कठे ,
वो महाराणा प्रताप कठे।।
कलाकार की पहचान उनके गाए हुए रचनाओं से होती है।।
किसी के कहने या बोलने से नहीं होती।।
हर व्यक्ति के दिल में अपने देश अपने राष्ट्र अपने धर्म के लिए कुछ करने का जज्बा होता है
और यह हमारा धर्म भी है।।
देश भक्ति रचना और देश के प्रति भाव के कारण ही
इनके नाम के आगे राजस्थान की समस्त जनता जनार्दन ने राष्ट्रवादी शब्द का उपयोग किया है।।।
किसी को प्रसिद्ध शब्द की नवाजी देना एक या दो इंसान के कहने से कुछ नहीं होता
संपूर्ण राजस्थान की जनता का प्यार है इसी कारण राष्ट्रवादी शब्द दर्शकों द्वारा लगाया गया है
महाराणा प्रताप
पन्ना धाय
गौ माता की पुकार
वही प्रेरणा पुंज हमारे स्वामी पूज्य विवेकानंद
जैसी अनगणित राष्ट्रवादी रचनाओं से संपूर्ण राजस्थान और भारतवर्ष में अपना नाम राष्ट्रवादी कलाकार या राष्ट्रवादी गायक के रुप में जाना जाता है।।।
राजस्थान ही नहीं बल्कि राजस्थान के बाहर भी हर मंच पर राष्ट्रवादी रचनाओं से
युवा शक्ति को अपने देश और गौ माता के प्रति जागरुक किया।।।
यह मेरे मन के भाव इस कलाकार के लिए है जिनके आगे राष्ट्रवादी सब लगता है।।।
किसी कलाकार की बुराई कर के आगे नहीं बढ़ा जाता आप सभी कलाकार बंधुओं से भी निवेदन है कि किसी कलाकार का कटाक्ष नहीं करें।।।
समस्त राजस्थानी कलाकार आपस में मिल जुल कर अपनी मायड़ भाषा ,मातृभूमि और राजस्थान की धरती का बखान संपूर्ण हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से बाहर भी
अपनी रचनाओं द्वारा करें।।।
धन्यवाद ।।।
जय हिंद
वंदे मातरम
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