“ राष्ट्रीय हिन्दू भजन सम्राट श्री प्रकाश जी माली का जन्म 23.8.1981 को बालोतरा में मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। इनके पिताजी का नाम बंसीलाल जी माली और दादाजी का नाम केसाराम जी माली है , प्रकाश जी के दो भाई और हैं जिनका नाम गजेंद्र जी परमार और महेंद्र जी परमार है , यह प्रारम्भ में अपने गांव शिवकर में रहते थे लेकिन बाद में बालोतरा में आ गए और इनकी शिक्षा बालोतरा में हुई , इस बिच इनको जागरण का बहुत ज्यादा शोक था घर वालो पाबन्दी के बाद भी वो जागरण में जाते थे इसी बिच इनकी सादी दिनाक 1 .12 .2002 में भावना जी के साथ हो गयी इनके दो पुत्र हर्षित और लक्ष्यित है | इनका ननिहाल बाड़मेर से 30 किलोमीटर दूर जोधपुर हाईवे पर "कवास " है |
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ |
संगीत सफर की सरुआत :-
इनको बचपन से ही संगीत का शोक था जो स्कूल में गाते थे फिर आसपास के जागरण में जाना उसके बिच वो कुछ वाघ यंत्र भी बजाते थे , और फिर गाने की सरुआत की प्रकाश जी माली का पहला एल्बम जो बहुत पॉपुलर हुआ वो मधुर कैसेट्स से आया था जिसका नाम "धरती माता रो पेहरु घाघरो। ......" था इससे पहले इनके कुछ गाने बालोतरा की माँ अम्बे में कंपनी में हुई लेकिन वो इतने पब्लिक में नहीं आये वो सिर्फ बालोतरा क्षेत्र तक सिमित रहे | वैसे इन्होने कई गाने लेकिन "जैसल धाड़वी "जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुआ |
गौ माता के बिच संगीत का आननद |
एक वाकया जो आपको जानना बहुत जरुरी है :-
एकबार इनका एक रिकॉर्डिंग कुशल जी बारहट के साथ था और अच्छा गाने के बाद भी बोल दिया की आप इस गाने लायक नहीं हो इस लिए इन्होने अपने बालोतरा में मालाणी स्टुडिओ को बना दिया |धर्मपत्नी भावना जी परमार के साथ |
सबसे पहले इन्होने स्वाभिमानी महारणा प्रताप की जीवनी पर आधारित भजन एल्बम्ब अपनी आवाज देकर निकाला था जिससे इनकी विश्व ख्याति बन
इन्होने भारतीय सेना से लेकर भारतीय किसान तक, गाय से लेकर गरीबी मिटाने के तरीकों तक के भव्य भजन गाये है। इन्होने भारत की कई गौशालाओं के लिए आर्थिक फंड को लेकर कई बड़े-बड़े आयोजन नि:शुल्क किये है। एक बार गुजरात प्रांत की धड़कन “सूरत” जिले में महाराणा प्रताप जयंती पर एक भव्य आयोजन हुआ जिसमें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे उस वक्त मोदी जी इनके भजनों के इतने दीवाने हुये की उन्होने वहाँ इनसे इनके आजतक गाये सभी भजनों की डीवीडी तकमाँग ली थी।
File Photo |
इन्होने भारतीय सेना से लेकर भारतीय किसान तक, गाय से लेकर गरीबी मिटाने के तरीकों तक के भव्य भजन गाये है। इन्होने भारत की कई गौशालाओं के लिए आर्थिक फंड को लेकर कई बड़े-बड़े आयोजन नि:शुल्क किये है। एक बार गुजरात प्रांत की धड़कन “सूरत” जिले में महाराणा प्रताप जयंती पर एक भव्य आयोजन हुआ जिसमें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे उस वक्त मोदी जी इनके भजनों के इतने दीवाने हुये की उन्होने वहाँ इनसे इनके आजतक गाये सभी भजनों की डीवीडी तकमाँग ली थी।
ओस्मान मीर जी के साथ |
राजस्थान के धार्मिक आस्था के केंद्र श्री सालासर बालाजी में 2013 में महवारी प्रसाद खिलेरी जी द्वारा आयोजित “विराट हिन्दू धर्म गर्जना- 2013” में स्वामी विवेकानंद जी पर आधारित भजन की बड़ी प्रस्तुति देने अपने साउंड सिस्टम को लेकर बलोतरा से चलकर सालासर पहुंचे वो भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के। इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य गौ के प्रति जन-जागारण करना था जिसमें हैदरबाद के हिन्दू शेर टाइगर राजा सिंह जी मुख्य अतिथि रहे थे।******************************गत वर्ष इन्होंने विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में गौमाता गौ सेवा ट्रस्ट के सानिध्य में “एक शाम गौमाता के नाम” भजन सन्ध्या का आयोजन किया था जिसमे इनकी गौ भक्ति और भजनों की मधुर आवाज ने गौ भक्तो का मन मोह लिया और विजयवाड़ा की गौशाला हेतु गौ भक्तो ने 15 लाख तक दान राशि दी, उस राशि का सही उपयोग आज विजयवाड़ा की गौमाताओंके लिए हो रहा है। जिसके चलते विजयवाड़ा की गौशाला की गायों का 6 महीने तक का भरण-पोषण आराम से हो जायेगा।************************************
LIVE PHOTO |
इन्होने 28 अप्रैल 2016 को राजस्थान की उपराजधानी जोधपुर के गीता भवन हॉल में एक राष्ट्रीय चेतना का आयोजन करवाया है जिसमें इन्होने महामना राजीव दीक्षित जी को कोट करते हुये एक सानदार भजन प्रस्तुति दी है जिसका विडियो आप खुद देखे। जय गौ माता की सा प्रकाशजी माली मित्र मंडल मंडल राजस्थान!!
मुम्बई मे आयोजित कार्यक्रम मे श्रीमान प्रकाश माली जी और बॉलीवुड के सुपर स्टार सुनील शेट्टी के अपना राजस्थानी के वीर महाराणा प्रताप का प्रसिद्ध गाना (वो महाराणा प्रताप कठे)की प्रस्तुति दी —
इसके साथ इनके कई सारे कार्य प्रशंशा के योग्य है |
Prakash ji & Kushal JI Barhat |
राजस्थानी संगीत मे "प्रकाश जी माली" का महत्व:-
एक समय था राजस्थान में भजन संध्याओं में सिर्फ बुजुर्ग सुनने को जाते थे और कुछ उस समय के प्रसिद्ध कलाकार गाते थे और बुजुर्ग एवं माताएँ सुनने को जाते थे , युवा लोगों को भजनों को सुनने का शौक नहीं था युवा लोग भजन संध्याओं के नाम से ही दूर भागते थे और भजन संध्या और राजस्थानी संगीत को जरूरत थी एक ऐसी आवाज की -जो इन बिखरती भजन संध्याओं को संभाल सके !
तभी राजस्थानी संगीत में प्रवेश हुआ - " राजस्थान की सिंह गर्जना ,राष्ट्रवादी भजन सम्राट श्री प्रकाश जी माली का " !
तभी राजस्थानी संगीत में प्रवेश हुआ - " राजस्थान की सिंह गर्जना ,राष्ट्रवादी भजन सम्राट श्री प्रकाश जी माली का " !
आते ही उन्हौनें लोगों को मनवा दिया कि राजस्थानी संगीत में नया मोड़ आने वाला है ,अपने जीवन के लगभग 20 साल संगीत को देने वाले राष्ट्रवादी भजन सम्राट श्री प्रकाश जी माली ने जब पहली बार लाखोटिया महादेव में जोशपूर्ण प्रस्तुति दी तो जनता तो जनता कलाकार भी सोचने को मजबूर हो गए !
श्री प्रकाश जी माली ने अपने जीवन में एक से बढकर एक एलबमों की प्रस्तुति दी -
महाराणा प्रताप
गौ माता
पन्ना धाय
राजा हरिश्चन्द्र
राजा चंदन
बाबा रामदेवजी
वीर पाबुजी राठौड़
आशापुरा माताजी
स्वामी विवेकानन्द
भारत जागो विश्व जगाओ !
और इनसे भी बढकर कई प्रस्तुतियाँ दी है ! तभी आज उनकी भजन संध्या में युवा लोग ज्यादा नजर आते है !
जहाँ युवा भजनों को पसंद नहीं करते थे उन सबकी पहली पसंद आज भजन सम्राट श्री प्रकाश जी माली है !
आज जहाँ भी श्री प्रकाश जी माली की भजन संध्या होती है वहाँ लोगों का हुजुम उमड़ पड़ता है उन्हें सुनने को !
आज राजस्थान ही नहीं देश ही नहीं बल्कि नेपाल जाकर अपनी प्रस्तुति दे चुके है श्री माली !
राजस्थानी संगीत में उनका एक छत्र राज है और उनके नाम का डंका बजता है !
एक तरह से सभी गानों के ऑलराउण्डर है श्री प्रकाश जी माली !
अपने सरल स्वभाव के कारण आज आप संगीत में ,कलाकारों में और प्रशंसकों में अपना महत्वपूर्ण स्थान और उनके दिल में जगह बनाये रखते है !
आप हमेशा ऐसे ही गाते रहें , माँ सरस्वती हमेशा आपके कंठों में विराजमान रहे !
आपका एक प्रशंसक !
विक्रमसिंह वालेरा
"""THANK YOU SO MUCH"""""""""""""""""""""
8 Comments
जन्मदिन की तारिक क्या है
ReplyDeleteजोरदार सा मेरी 22.8 एक दिन का ही फैसला है सिर्फ
Deleteअजीब परिचय प्रकाश माली जी आपका
ReplyDeleteमें सदा आभार हु।
Bahut khub
ReplyDeleteप्रकाश जी की सादी कब हुई सदी तारिख क्या है?
ReplyDelete1/12/2002
Deleteबोथ बढिया सा इसी प्रकार आगे बढ़ते रहे माली समाज का नाम रोसन करते रहे ओर प्रकाश जी माली की गौत्र किया है
ReplyDeleteParmar
Delete