ग्लोबल विपश्यना पैगोडा
कृतज्ञता, ध्यान और स्थापत्य का एक स्मारक
शांति का एक प्रकाशस्तंभ
मुंबई में स्थित, ग्लोबल विपश्यना पैगोडा शांति, सद्भाव और कृतज्ञता का प्रतीक है। यह गौतम बुद्ध की सार्वभौमिक शिक्षाओं के प्रति एक श्रद्धांजलि है, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्तंभ-रहित पत्थर का गुंबद है और एक समय में 8,000 से अधिक ध्यानियों को समायोजित कर सकता है।
निर्माण की यात्रा
पैगोडा का निर्माण एक विशाल उपक्रम था जिसमें एक दशक से अधिक का समय लगा, जो हजारों स्वयंसेवकों और दाताओं के समर्पण से संभव हुआ। यह एस.एन. गोयनका की दूरदर्शिता और म्यांमार के प्रति कृतज्ञता का प्रमाण है, जिसने विपश्यना की प्राचीन तकनीक को संरक्षित रखा।
1
1997
योजना शुरू हुई और नींव रखी गई।
2
2000
वास्तविक निर्माण कार्य शुरू हुआ।
3
2006
मुख्य गुंबद में बुद्ध के अवशेष स्थापित किए गए।
4
2009
भारत की राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन किया गया।
स्थापत्य भव्यता
पैगोडा प्राचीन भारतीय निर्माण तकनीकों और आधुनिक इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है। बिना किसी सहारे के इंटरलॉकिंग पत्थरों से निर्मित, इसे कम से कम 1000 वर्षों तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह चार्ट ग्लोबल विपश्यना पैगोडा के आंतरिक गुंबद के व्यास की तुलना भारत के एक और प्रसिद्ध गुंबद, गोल गुंबज से करता है, जो इसके विशाल पैमाने को दर्शाता है।
प्रमुख आँकड़े
पैगोडा के आयाम इसकी भव्यता और महत्वाकांक्षा को दर्शाते हैं।
96.12 मीटर
कुल ऊंचाई
85.15 मीटर
आंतरिक गुंबद का व्यास
8,000+ ध्यानी
ध्यान हॉल की क्षमता
1,000+ वर्ष
अनुमानित जीवनकाल
धम्म का हृदय
पैगोडा का मूल उद्देश्य विपश्यना ध्यान के अभ्यास के माध्यम से सार्वभौमिक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है। यह बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
यह चार्ट पैगोडा के मुख्य उद्देश्यों के वितरण को दर्शाता है: कृतज्ञता व्यक्त करना, बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में शिक्षित करना, और ध्यान के लिए एक स्थान प्रदान करना।
विपश्यना का सार
विपश्यना, जिसका अर्थ है चीजों को वैसे ही देखना जैसे वे वास्तव में हैं, आत्म-अवलोकन के माध्यम से आत्म-शुद्धि की एक प्रक्रिया है। यह एक सार्वभौमिक उपाय है जो सभी के लिए सुलभ है।
1. आत्म-अवलोकन
मन और शरीर की संवेदनाओं का निरीक्षण करना।
2. मानसिक शुद्धि
दुख के गहरे कारणों को दूर करना।
3. शांति और सद्भाव
आंतरिक शांति, प्रेम और करुणा प्राप्त करना।
वैश्विक पहुंच और प्रभाव
एस.एन. गोयनका द्वारा भारत में पुनः प्रस्तुत की गई विपश्यना ध्यान की तकनीक अब दुनिया भर में फैल गई है। पैगोडा इस वैश्विक आंदोलन के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करता है, जो भारत की आध्यात्मिक विरासत को प्रदर्शित करता है।
यह चार्ट 1969 में भारत में विपश्यना की वापसी के बाद से दुनिया भर में विपश्यना केंद्रों की अनुमानित वृद्धि को दर्शाता है, जो आज 160 से अधिक देशों में मौजूद है।
आगंतुक जानकारी
समय
सुबह 9:00 - शाम 7:00
प्रवेश शुल्क
निःशुल्क
सबसे अच्छा समय
नवंबर से फरवरी
ड्रेस कोड
शालीन पोशाक
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