Janapav (Indore) - All You Need to Know BEFORE You Go

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Janapav (Indore) - All You Need to Know BEFORE You Go

 सफर की शरुआत हुई जयपुर से दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश और वैष्णो देवी जी के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर के नजदीक में "जानापाव कुटी" जाने का अवसर मिला , इसका श्रेय इंदौर के मित्र मयूर भाई को जाता है।



 इंदौर के बिल्कुल नजदीक में ये प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, अद्भुत जगह है। जनापाव को जनापाव कुटी के नाम से भी जाना जाता है, जो समुद्र तल से 854 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पर्वत है और विंध्यांचल रेंज की सबसे ऊंची चोटी है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू तहसील में जानापाव कुटी गाँव के पास, इंदौर-मुंबई राजमार्ग पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह भगवान परशुराम जन्मभूमि स्थल है। सुंदर दृश्य और एक झरना है। यह इंदौर से 60 किमी दूर है। आप वहां ट्रैक कर सकते हैं। यह एक दिन की छोटी यात्रा कर सकते हैं।



जानापाव एक किंवदंती के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। यहां पर परशुराम के पिता ऋर्षि जमदग्नि का आश्रम था। कहते हैं कि प्रचीन काल में इंदौर के पास ही मुंडी गांव में स्थित रेणुका पर्वत पर माता रेणुका रहती थीं। भगवान परशुराम बचपन में ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए कैलाश पर्वत चले गए थे। जहां भगवान शंकर और माता पार्वती ने उन्हें पुत्र के समान रखा और शस्त्र-शास्त्र का ज्ञाता बनाया।





पवित्र तीर्थ जानापाव से दो दिशा में नदियां बहतीं हैं। यह नदियां चंबल में होती हुईं यमुना और गंगा से मिलती हैं और बंगाल की खाड़ी में जाता है। कारम में होता हुआ नदियों का पानी नर्मदा में मिलता है। यहां 7 नदियां चोरल, मोरल, कारम, अजनार, गंभीर, चंबल और उतेड़िया नदी मिलती हैं। हर साल यहां कार्तिक माह में मेला लगता है।









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