भौतिक विज्ञान के नियमो की धज्जियां उड़ाती हजारो वर्ष पुरानी श्रीकृष्ण मक्खन गेंद ।।

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भौतिक विज्ञान के नियमो की धज्जियां उड़ाती हजारो वर्ष पुरानी श्रीकृष्ण मक्खन गेंद ।।

भौतिक विज्ञान के नियमो की धज्जियां उड़ाती हजारो वर्ष पुरानी श्रीकृष्ण मक्खन गेंद ।।



यह पत्थर #श्रीकृष्ण_बटरबॉल के नाम से प्रसिद्ध है ।। आपको यह साधारण पत्थर लगता होगा, लेकिन यह पत्थर विज्ञान के सारे नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए अडिग है :--

यह पत्थर ढलान वाली पहाड़ी पर, 45 डिग्री के कोण पर मात्र 4 फुट की जगह घेरकर बिना लुढ़के टिका हुआ है।।

इस पत्थर का वजन 250 टन है, इसे साथ हाथियों की मदद से यहां से हटाने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह हिला तक नही ।। ढलान के ऊपर इस पत्थर का अपने आप टिका रहना ही किसी आश्चर्य से कम नही, उल्टे यह महान प्रयासों के बाद भी हिलाने से भी नही हिलता, यह महाआश्चर्य की बात है ।।



देखने से यह पत्थर ऐसे लगता है की किसी भी क्षण यह पत्थर लुढ़ककर इस पहाड़ी को चकनाचूर कर देगा, लेकिन हजारो वर्षो के बाद भी गिरना तो दूर, यह पत्थर हिला तक नही है ।

इस पत्थर को यहां से हटाने का प्रयास पल्लव राजाओ ने किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वह इसे हिलाने में भी कामयाब नही हुए, उसके बाद 1908 में अंग्रेजो ने इसे हटाने का प्रयास किया, 7 हाथी इस पत्थर को हटाने में लगाये, लेकिन हिला तक नही -- पल्लव राजाओ के समय तो हाथियों की संख्या इससे कहीं अधिक थी, तब यह नही हिला, तो अंग्रेजो से तो हिलना ही क्या था ??



जियोलॉजिस्ट भी इस पत्थर की गुत्थी सुलझा नही पाए है, वह भी यह मानते है की प्राकृतिक रूप से भी इस प्रकार की आकृति नही बन सकती, अगर बन भी जाये, तो उसे कम से कम हटाया तो जा ही सकता है, इस पत्थर का इस तरह अडिग रहना, विज्ञान के समझ के परे है, इस चमत्कार को विज्ञान भी नमस्कार करता है :--

यहां के स्थानीय लोगो का मानना है की यह पत्थर स्वर्ग से आया था, लेकिन सच्चाई किसी को नही पता

#कृष्णबटरबॉल_महाबलीपुरम, #तमिलनाडु_भारत

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