*कोविड 19- अब एक नया नाटक आरंभ होने जा रहा है।

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*कोविड 19- अब एक नया नाटक आरंभ होने जा रहा है।

*कोविड 19,* 
अब एक नया नाटक आरंभ होने जा रहा है। इस बार ‘बलि के बकरे’ आपके हमारे बच्चे होंगे। प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल और कॉलेज खोलने की बात की जा रही है।अब स्कूल कॉलेज खोलने पर क्या होगा, कितने भयावह परिणाम आपके और हमारे सामने आने वाले हैं, ये कल्पना से परे है। जब जान बचाने के लिए इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई का विकल्प उपलब्ध है, तो क्यो स्कूल कॉलेज खोलने जरूरी है ।
कौन सा स्कूल या कॉलेज या सरकार हमारे इन बच्चों की जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा?

@कौन सा स्कूल या कॉलेज मे इन बच्चों को मास्क (वह भी ठीक से) पहनाकर रखेगा? ज्यादातर तो दूसरों को देख कर हटा के देंगे फ़ैशन मैं 
@साबुन सैनिटाइजर का उपयोग बार बार किस क्लास मे करवाऐगा??  और 
@फिजिकल डिस्टेंसिंग की तो बात करना ही नहीं चाहिए, कौन ध्यान रखेगा इनका?

जब ये एक दिन की पिकनिक पर लापरवाही करते हैं, अपनी गपशप और फोन पर लगे रहते हैं तब रोज रोज की फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर, ये बच्चे सम्भालेंगे ऐसा सोचना हमारी नादानी होगी। दुर्भाग्यवश अगर कोई बच्चा कोरोना की चपेट में आ गया, तो यह स्कूल वाले खबर लेने की कोशिश भी नहीं करेंगे। क्या ये बच्चों की जान की गारंटी लेंगे ?

इतनी हड़बड़ी में, खासकर जब हम इस समय कोरोना इन्फेक्शन के पीक की प्रतीक्षा कर रहे हैं, हमारे नौनिहालों हमारे बच्चों को कोरोना का चारा बनाकर तमाशा देखना कहाँ की बुद्धिमानी है?

बच्चे यदि 4-6 महीने बाद स्कूल जायेंगे और तब तक इंटरनेट से पढ़ लेगे तो क्या अंतर पड़ना है।यह तो तय है कि कोरोना इस साल जाने वाला नहीं है। वैसे भी हमारा स्कूल सिस्टम बच्चों को विकट परिस्थितियों में बचना (जिंदा बचे रहना) कभी भी नहीं सिखाता है। यह तो बच्चों को हाथ कैसे धोना चाहिए अथवा दांतों पर ब्रश ठीक से कैसे करना है, यह भी नहीं सिखाता है। स्कूल या कॉलेज में lunch या break और इतनी भीड़ मैं बच्चे कैसे हाथ साफ करेगे। यदि स्कूल या कॉलेज की फीस लेनी हो तो ले लिजिये पर हमारे बच्चों को कोरोना के सामने डालने से गुरेज रूकिये।

ये वायरस पहले स्कूली या कॉलेज के बच्चों में एक से दूसरे में फैलेगा,फिर बच्चा घर आकर घर के दूसरे बच्चों, माता पिता, फिर बुजुर्गों में इन्फेक्शन फैलाएगा; और इस तरह से यह वायरस पूरे घर को अपने आगोश में ले लेगा। यह सच्चाई है, अगर हमने कुछ लोगो के चक्कर मे अपने बच्चों को बतौर Experiment स्कूल या कॉलेज भेज दिया, तो बहुत जल्दी अब हमें इस जानलेवा मुसीबत का भी सामना करना है। ये कोरोना अब बच्चों के माध्यम से हमारे घरों में आकर फैलेगा।
जुलाई का महीना बरसात के मौसम का प्रारंभ है, बारिश और उमस के कारण वायरस और बैक्टीरिया बड़ी तेजी से फैलते हैं, कोरोना का ये वायरस इस सीजन में कितना भयानक रूप लेगा ये अकल्पनीय है।

ये सच है कि हर माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अपने से ज्यादा चिंतित रहते हैं, लेकिन बच्चों का भविष्य तो हम सब तब देखेंगे जब वह सुरक्षित होंगे। कोरोना लहर के सामने अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेज में  झोंक देने का अर्थ नरभक्षी जानवर के सामने बच्चों को लड़ने भेजने जैसा है।

यदि आप अभी भी अपने बच्चों को जल्दी स्कूल या कॉलेज भेजना चाहते हैं तो स्वयं से कुछ प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें:
@क्या आपको लग रहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कम हो रहा है?
@क्या आप ये मानते हैं कि कोरोना बच्चों पर रहम कर देगा ?
@क्या ऑटो, टेंपो पर लटकते या आते जाते हुए बच्चों में फिजिकल डिस्टेंसिंग रह पायेगी?
@क्या बस कोरोना संक्रमण से अछूती रह सकती है? क्या थोड़े बड़े बच्चे, बच्चे नही होते। कोरोना होने पर बिना किसी केअर के बच्चे quarentine कर दिए जाएंगे ।
@क्या स्कूल के टीचर, आया बाई, चपरासी, बस ड्राइवर, कंडक्टर, गार्ड सभी कोरोना टेस्ट में नेगेटिव साबित होने के बाद ही बच्चों के सामने लाए जायेंगे? और वह हमारे बच्चों को कोरोना से बचाएगे।
@एक एक कक्षा में जहां 40-50-60 बच्चे होते हैं वहां क्या 1-1 मीटर की दूरी बनाए रखी जाएगी? और कोई और जगह नही जायेगे और छुआएंगे ।
@क्या बच्चे इस दूरी का घंटो पालन कर पाऐंगे?? 
आते और जाते समय जब बच्चे आपस में टकराते हुए निकलते हैं, तब क्या यह दूरी बनाए रखी जा सकेगी?
@लगातार मास्क पहनने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी (17%तक) देखी गई है, बच्चों को ऑक्सीजन की ज़रूरत हमसे ज़्यादा होती है, क्या बच्चे घण्टो मास्क लगा कर रह पाऐंगे?? 
@समय समय पर मास्क कैसे उतारना, पुन: कैसे पहनना, पानी पीने व टिफिन खाते समय मास्क कैसे हटाना, उसके बाद हाथ  सैनिटाइजर से या सोप से कितनी देर तक कैसे धोना (रगड़ना) यह सब कौन बताएगा??
@क्या पहले से काम के बोझ में दबा शिक्षक/शिक्षिका या स्कूल प्रबंधन आपके पैसे से कोई नया कोरोना सुपरवाइजर नियुक्त करेगा?
@क्या बच्चों में कोरोना मॉरटालिटि कम होना आपके हिसाब से काफी है???
@क्या बच्चे के इन्फेक्शन होने की अवस्था में स्कूल या शासन कोई जिम्मेदारी लेगा ?
@इलाज के लाखों रूपए में कितना हिस्सा स्कूल या शासन वहन करेगा ?

कल को जब केसेस बढ़ेंगे, जो लगातार बढ़ रहें हैं, तब आपके गली मुहल्ले में होने वाली मौत आपको बच्चों समेत सेल्फ क्वाराईन्टिन को विवश कर देगी तब आपके बच्चे की पढ़ाई का साल और स्कूल में पढ़ाई का क्या होगा?

आपसे अनुरोध है कि एक जागरूक जनता और जिम्मेदार माता पिता बने और अपने बच्चों को कोरोना का ग्रास बनने न भेजें। तब तक जब तक कि स्थितियां पूरी तरह सामान्य ना हो जाऐं। 

आप किसी भी धर्म को मानने वाले हों या किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थक हों, इतनी जल्दी स्कूल और कॉलेज खोलने का विरोध करें।

बच्चे हमारी सम्पदा से बढ़कर हैं, उन्हें हम दॉव पर नहीं लगा सकते हैं। जिन्हें पैसे कमाने हैं उन्हें कमाने दीजिए, परन्तु इसके लिए हमारे बच्चे गोटियां नहीं बनेंगे।आइए कोशिश करें कि स्कूल कॉलेज अभी न खोलें जाएं, हम सब मिलकर विरोध करेंगे तभी बात बनेगी।

डॉक्टर राज तिलक


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